लेखक/रचनाकार
रामप्रसाद रैकवार
!! आगाज !!
कर्ज समाज पर हे अभी भी ...!
प्यार का आगाज हे अभी भी .!!
इन्तजार हे उस बात का अभी भी .!
क्यों हर जगह वो मंजर अभी भी .!!
क्यों नहीं बनी वो गालियाँ ......!
वर्षो से इन्तजार था अभी भी ..!!
क्यों हे अकाल सा अभी भी विशाल सा .!
अभी भी … अभी भी … अभी भी ...!!
!! जय समाज !!
नए वर्ष कि शुभ - कामनाएँ सहित …
लेखक/रचनाकार: रामप्रसाद रैकवार …
दिनांक: 01.01.2014 ....
कर्ज समाज पर हे अभी भी ...!
प्यार का आगाज हे अभी भी .!!
इन्तजार हे उस बात का अभी भी .!
क्यों हर जगह वो मंजर अभी भी .!!
क्यों नहीं बनी वो गालियाँ ......!
वर्षो से इन्तजार था अभी भी ..!!
क्यों हे अकाल सा अभी भी विशाल सा .!
अभी भी … अभी भी … अभी भी ...!!
!! जय समाज !!
नए वर्ष कि शुभ - कामनाएँ सहित …
लेखक/रचनाकार: रामप्रसाद रैकवार …
दिनांक: 01.01.2014 ....
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