लेखक
सुरेश कुमार एकलभ्य
कौन थे तिलका मांझी !!!
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तिलका मांझी ब्रिटिश हुकूमत की सत्ता को चुनौती देने वाले मछुआ समुदाय के वीर आदिवासी थे। तिलका मांझी का जन्म एक मांझी परिवार में ११ फरवरी, १७५० को बिहार सुल्तानगंज थाने के तिलकपुर गाँव में हुआ था। १७७१ से १७८४ तक उन्होंने ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध लड़ाई लड़ी और उन्हें नाको चने चबाये। तिलका मांझी ने १८५४ के स्वतंत्रता संग्राम से ९० वर्ष पूर्व संथाल विद्रोह का नेतृत्व भी किया। वह एक ऐसे योद्धा थे जिन्होंने बिहार के भागलपुर से सर्वप्रथम अंग्रेजो के विरुद्ध विद्रोह का बिगुल फूंका। बाद में इस वीर पुत्र , स्वतंत्रता सेनानी को भागलपुर जैल में फांसी दे दी गई। हमारे इसी महान सिपाही के नाम पर भागलपुर में तिलका मांझी यूनिवर्सिटी के नाम से एक शिक्षा का केंद्र भी स्थापित किया गया है।
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तिलका मांझी ब्रिटिश हुकूमत की सत्ता को चुनौती देने वाले मछुआ समुदाय के वीर आदिवासी थे। तिलका मांझी का जन्म एक मांझी परिवार में ११ फरवरी, १७५० को बिहार सुल्तानगंज थाने के तिलकपुर गाँव में हुआ था। १७७१ से १७८४ तक उन्होंने ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध लड़ाई लड़ी और उन्हें नाको चने चबाये। तिलका मांझी ने १८५४ के स्वतंत्रता संग्राम से ९० वर्ष पूर्व संथाल विद्रोह का नेतृत्व भी किया। वह एक ऐसे योद्धा थे जिन्होंने बिहार के भागलपुर से सर्वप्रथम अंग्रेजो के विरुद्ध विद्रोह का बिगुल फूंका। बाद में इस वीर पुत्र , स्वतंत्रता सेनानी को भागलपुर जैल में फांसी दे दी गई। हमारे इसी महान सिपाही के नाम पर भागलपुर में तिलका मांझी यूनिवर्सिटी के नाम से एक शिक्षा का केंद्र भी स्थापित किया गया है।
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