Thursday, January 16, 2014

पुरे भारत पर होगा निषादों ( मछुआ ) समाज का राज

                                                                                                   लेखक
                                                                                             राजेश निषाद

पुरे भारत पर होगा निषादों ( मछुआ ) समाज का राज 

निषाद ( मछुआ ) समाज भारत की साशनिक और प्रसाशनिक पदों पर अपनी हिस्सेदारी कब तक सुनिश्चित करेगा । इसका सीधा साधा कोई जबाब किसी के पास नहीं है । कारण एक सर्वे से पता चलता है कि निषाद ( मछुआ ) समाज में साक्छरता प्रतिशत सिर्फ १०% है तो उच्च शिक्षा तक कितने % लोग शिक्षा प्राप्त कर पाते हैं कोई आकड़ा किसी के पास उपलब्ध नहीं है । लगभग पुरे भारत में एक सर्वे के अनुसार निषाद ( मछुआ ) समाज कि कुल आबादी करीब २० करोड़ है जो लगभग भारत के सभी राज्यों में अपनी उपस्थिति को साबित करता है| अगर वेदों और पुराणों के बारे में देखा जाय तो रामायण से लेकर महाभारत तक में यह समाज अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है लेकिन अपनी प्रभुसत्ता कायम नहीं कर पाता है कारण यह समाज तेज तर्राक अपने को साबित नहीं कर पाया और कूटनीति के मामले में ज्ञान अधूरा होने या फिर उसका पालन न कर पाने का खामयाजा भुगतना पड़ा अंग्रेजों ने हमें जंगलों कि तरफ जाने को मजबूर किया क्यों कि हम लोगों ने अंग्रेजों से कडा मुकाबला किया । देश आज़ाद होने के बाद भी किसी सरकार ने हमें उचित प्रतिनिधित्व नहीं प्रदान किया आज भी हम अपने हक़ के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं कारण हम| एकजुट नहीं है । लेकिन मुझे विश्वाश है कि एक न एक दिन पुरे भारत पर निषाद समाज का राज होगा कारण बताता हूँ समय परिवर्तनशील है परिवर्तन होता रहता है राजे महराजे आये चले गए मुग़ल बादसाह आये चले गए अंग्रेज आये चले गए, सभी ने अपने हिस्से का राज कर लिया है अब सिर्फ निषाद समाज के हिस्से का राज करना बाकी है । तो भाइयों आप से अनुरोध है कि एकजुट हो जाइये और हुंकार लगाइये और संघर्ष कीजिये, शिक्षित बनिए, संगठित होइए,मेरा मानना है कि कोई ऐसी शक्ति नहीं है जो हमें भारत पर राज करने से रोक सके| बजा देंगे डंका विगुल का लेकर रहेंगे अपना अधिकार |

जय निषाद 

धन्यवाद

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