लेखक
डॉ संजय निषाद
जिसका इतिहास नहीं खुद मीट जाता है
जिस
जाति, समाज व देश को गुलाम बनाना हो उसके इतिहास व
संस्कृति को नष्ट कर दो!
निषाद जाति भारतवर्ष की मूल एवं प्राचीनतम वंश हैं। प्राचीनकाल में निषादों की अपनी अलग सत्ता एवं संस्कृति थी, एवं निषाद एक जाति नहीं बल्कि चारों वर्ण से अलग ’पंचम् वर्ण’ के नाम से जाना जाता था। निषाद समुदाय भाषा एवं क्षेत्र के अनुसार विभिन्न नामों से जाने जाते है। आदिकवि महर्षि बाल्मीकि, विश्वगुरू महर्षि वेद व्यास, भक्त प्रह्लाद और रामसखा महाराज श्रीगुहराज निषाद जैसे महान आत्माओं ने इस वशं को सुशोभित किया है। स्वतंत्रता आन्दोलन में भी इस समुदाय के शूरवीरों ने चैरी चैरा, सतीचैरा काण्ड में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया, लेकिन आज इस समुदाय के लोंगो में वैचारिक भिन्नता के कारण समुदाय का विकास अवरुद्ध सा हो गया है। उप-जाति, कुरी, गौत्र के आधार पर समुदाय का विखंडन हो रहा है, फलतः समुदाय के सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक एवं राजनैतिक मान-मर्यादा में ह्रास हो रहा है। इसी वैचारिक भिन्नता का उन्मूलन एवं उप-जाति, कुरी, गौत्र के आधार सामाजिक विखराव को रोकने हेतु एक प्रयास किया जा रहा है। संगठन के माध्यम से हम अपने समुदाय के सभी सदस्यों को भाषा, क्षेत्र, उप-जाति, कुरी, गौत्र जैसे भेदभाव मिटाकर आपसी एकता को मजबूत करने का अनुरोध करते हैं।
निषाद जाति भारतवर्ष की मूल एवं प्राचीनतम वंश हैं। प्राचीनकाल में निषादों की अपनी अलग सत्ता एवं संस्कृति थी, एवं निषाद एक जाति नहीं बल्कि चारों वर्ण से अलग ’पंचम् वर्ण’ के नाम से जाना जाता था। निषाद समुदाय भाषा एवं क्षेत्र के अनुसार विभिन्न नामों से जाने जाते है। आदिकवि महर्षि बाल्मीकि, विश्वगुरू महर्षि वेद व्यास, भक्त प्रह्लाद और रामसखा महाराज श्रीगुहराज निषाद जैसे महान आत्माओं ने इस वशं को सुशोभित किया है। स्वतंत्रता आन्दोलन में भी इस समुदाय के शूरवीरों ने चैरी चैरा, सतीचैरा काण्ड में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया, लेकिन आज इस समुदाय के लोंगो में वैचारिक भिन्नता के कारण समुदाय का विकास अवरुद्ध सा हो गया है। उप-जाति, कुरी, गौत्र के आधार पर समुदाय का विखंडन हो रहा है, फलतः समुदाय के सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक एवं राजनैतिक मान-मर्यादा में ह्रास हो रहा है। इसी वैचारिक भिन्नता का उन्मूलन एवं उप-जाति, कुरी, गौत्र के आधार सामाजिक विखराव को रोकने हेतु एक प्रयास किया जा रहा है। संगठन के माध्यम से हम अपने समुदाय के सभी सदस्यों को भाषा, क्षेत्र, उप-जाति, कुरी, गौत्र जैसे भेदभाव मिटाकर आपसी एकता को मजबूत करने का अनुरोध करते हैं।
Nice post👍
ReplyDelete