Tuesday, January 14, 2014

रंग - रंग के फूल खिलें हे

                                                                             लेखक/रचनाकार:
                                                                           रामप्रसाद रैकवार

!! रंग - रंग के फूल खिलें हे !!

रंग - रंग के फूल खिलें हे .!
रोज दिखे इन राहों में .....!!

तोड़ ही ले उसको जो माली .!
दिखे किसी के छाओं में ....!!

एक दिन में वो सब मुर्झाए .!
फेके उसे कपालों में ..........!!

एक दिन कि उसकी महक हे .!
रोज दिखे इन राहों में .........!!

जीवन इनका केवल महकना .!
खुशबु दे सवालों में .………...!!

स्वभाव बदल इसकी खुशबु .!
खो जाए ख्यालों में .……….!!

मतलब भी हे इनके रंगों के .!
पूछें सवाल भी सवालों में …!!

फूलों में रहष्य ख़ुशी का .!
पर पूछे वो इन राहों में ..!!

कभी चढ़े भगवान के ऊपर .!
कभी चढ़े विद्धवानो में ......!!

मकसद और मतलब दोनों बताएँ .!
मिले फूल जब राहों में ..............!!

मौसम से इन फूलों का मतलब .!
कभी गंगा की धारों में ............!!


कभी तो समझो प्रकितिक के राज को .!
खुदी बताए वो सवालों में ................!!

रंग - रंग के फूल खिलें हे .!
रोज दिखे इन राहों में .....!!

!! जय समाज !!

लेखक/रचनाकार: रामप्रसाद रैकवार  

दिनांक: 12.01.2014 ...

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