लेखक
बालक राम सांसी
ब्राह्मण
कितने ही टाइटिल लिखता है किन्तु अपने आपको हमेशा ब्राह्मण ही बताता हैं । इसी
प्रकार क्षत्रिय कोई भी उपनाम लिख लें किन्तु जाति बताते समय स्वयं को राजपूत ही
कहता है । बनिया भी चाहे कुछ भी शीर्षक लिख ले लेकिन कभी भी अपने को बनिए से भिन्न
नहीं बताता । अगर चमार का उदाहरण ले तो चमार अपने आपको इक्यावन उपनाम ,शीर्षक, सम्बोधनों
से गिनवाता है किन्तु जाति बत्ताते समय सीना ठोक कर स्वयं को चमार कहता है ।
शोषण और अत्याचार के अनेकों युग बीतने के बाद भी हम कोई सीख नहीं ले रहे और अपने जातीय स्वाभिमान को खंडित कर भिन्न भिन्न नामों से स्वयं को पृथक पृथक घोषित किये हुए अपनी एकता को स्वयं ही समाप्त करने पर पर उतारू हैं । हम गोत्रवाद, उपजातिवाद , व्यवसायवाद ,क्षेत्रवाद ,भाषावाद में फंस कर स्वयं को श्रेष्ठ मान मन ही मन प्रसन्न होते हैं ,जबकि हम भूल करते हैं क्योंकि लोकतंत्र में बहुमत के आधार पर सत्ता निर्धारित होती है और बंटे हुए लोग केवल मतदाता मात्र बनकर रह जाते हैं …… शासक नहीं बनते ।
हम सांसी संस्कृति के लोग स्वयं को कई नामों से गिनवाते हैं और नाना प्रकार ही जातियां बताकर अपने आप को शक्तिहीन प्रदर्शित करते हैं । जबकि हम भारत की सर्वाधिक प्राचीन संस्कृति के अनुगामी हैं । सांसी होकर भी स्वयं को सांसी न कहलवाकर वास्तव में हम अपने शोषण और अन्याय के लिए स्वयं ही उत्तरदायी है जब कि व्यवस्था को दोष देते हैं।
शोषण और अत्याचार के अनेकों युग बीतने के बाद भी हम कोई सीख नहीं ले रहे और अपने जातीय स्वाभिमान को खंडित कर भिन्न भिन्न नामों से स्वयं को पृथक पृथक घोषित किये हुए अपनी एकता को स्वयं ही समाप्त करने पर पर उतारू हैं । हम गोत्रवाद, उपजातिवाद , व्यवसायवाद ,क्षेत्रवाद ,भाषावाद में फंस कर स्वयं को श्रेष्ठ मान मन ही मन प्रसन्न होते हैं ,जबकि हम भूल करते हैं क्योंकि लोकतंत्र में बहुमत के आधार पर सत्ता निर्धारित होती है और बंटे हुए लोग केवल मतदाता मात्र बनकर रह जाते हैं …… शासक नहीं बनते ।
हम सांसी संस्कृति के लोग स्वयं को कई नामों से गिनवाते हैं और नाना प्रकार ही जातियां बताकर अपने आप को शक्तिहीन प्रदर्शित करते हैं । जबकि हम भारत की सर्वाधिक प्राचीन संस्कृति के अनुगामी हैं । सांसी होकर भी स्वयं को सांसी न कहलवाकर वास्तव में हम अपने शोषण और अन्याय के लिए स्वयं ही उत्तरदायी है जब कि व्यवस्था को दोष देते हैं।
No comments:
Post a Comment