Sunday, April 14, 2013

निषाद समाज के राजनीतिक पार्टी ने बढ़ाई हलचल



 निषाद समाज के उपजातियों में विभाजित बिन्द, मल्लाह, माझी ,कोली,साहनी,तुरहा, कश्यप लगभग 140 जतियों में विभाजित होने के बाद भी आज इस समाज में एक नई किरण के रूप में राजनीतिक पार्टी के रूप में उभर कर आने लगी है, और हक और अधिकार के प्रति अपने समाज को जागरूक करने लगी है।
एकलभ्य समाज पार्टी के पूरे देश में आज जागरूकता के साथ राजनीतिक मंच के द्रारा एक होने का आवाहन कर रही है, और अपने महान महापुरुषों के विचारों को आगे फैलाने का काम कर रही है।
प्रगति शील मानव समाज पार्टी के ने नया मुद्दा देने के साथ अब तक की सभाओं में राष्ट्रीय दलों के सभाओं की भीड़ को देख कर सियासी समर में अपना कोण बनाने के लिए दस्तक दे रही है, पार्टी के कार्यकर्मों में पिछड़ी जातियों से लेकर निषाद समाज के सभी उप जातिओ के लोग की अधिक जुटान से यूपी खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गयी है।
वही जय हिन्द समाज पार्टी ने प्रखर आवाज के रूप में जाने वाले नंदलाल लाल निषाद ने बलिया, गाजीपुर, और आस पास के जिलों में निषाद समाज को संस्कृति रूप में जानकारी देने काम कर रहे है,और राजनीतिक मंच पर एक साथ खड़े होने का आवाहन भी कर रहे है,और आगामी लोकसभा में अपने पार्टी से प्रत्याशी के आने से एक अतिदलित और पिछड़ा दलित के एक नए आयाम मिलने की संभावना देखने को मिल रहीं है,
इन पार्टी ने उत्तर प्रदेश में आप तौर पर चुनावी नतीजे तय करने वाले निषाद समाज (मछुआ समाज ) वोटरों को एक राजनीतिक समीकरण ने मुश्किल में डाल दिया है, इस नए प्रयोग की वजह से सपा, बसपा, भाजपा, काग्रेस, आदि को मछुआ वोटोरों को समझने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता  है। इन पार्टी के माध्यम से अब वोटरों के के एक मंच मिल गया है जिसे अन्य पार्टियों के सियासत में छेद करने जैसा लग रहा है। आगामी लोकसभा में ये पार्टी अपना प्रभाव को कायम रखती है। जय निषाद – जय भारत 

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