लेखक
बलराम बिन्द
लिख ले इतिहास कह दे हम
भी कम नहीं है ।
तेरा वर्ण झूठा था मेरा
आरक्षण सच्चा है ।।
मेरे में इंसानियत झलकती
है ।तेरे में हैवानियत झलकती है।
तेरी बनावट कच्ची थी मेरे
बनावट सच्ची होगी ।
देख ले मेरे जन-सैलाब
को अब आवाज मेरी होगी ।
अब कहानी हम कहेगे। अब
तू कहानी सुन ॥
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