लेखक / रचनाकार : रामप्रसाद रैकवार …
दिनांक : ३०.०३.२०१४ …
!! सनद स्नेह
संदेश !!
!! क्या किया हे
और नहीं किसी ने !!
क्या
किया हे और नहीं किसी ने .!
उन्होंने बात अपनी ही बनाई हे ..!!
उन्होंने बात अपनी ही बनाई हे ..!!
केवल झूठे सपने दिखाकर
..!
तश्वीर गाँव - गाँव बनाई हे .!!
तश्वीर गाँव - गाँव बनाई हे .!!
वो भी
हे इंसान जमी के .!
नहीं सही वो भाई हे ......!!
नहीं सही वो भाई हे ......!!
नहीं
बनोगे अपने दादी जेसे .!
कुछ देता नहीं दिखाई हे .....!!
कुछ देता नहीं दिखाई हे .....!!
केवल
घर आकर-खाना खाकर .!
जुगत ही अपनी लगाई हे .......!!
जुगत ही अपनी लगाई हे .......!!
सीधा -
साधा अवाम हे मेरा .!
नीति सही अपनाई हे ........!!
नीति सही अपनाई हे ........!!
में भी
उस अवाम का वंशज ...!
घर - मीनारे जिसने बनाई हे .!!
घर - मीनारे जिसने बनाई हे .!!
जहाँ
नवाजे सिस सभी ने .!
वो भी आपका भाई ........!!
वो भी आपका भाई ........!!
आपातकाल
कि वो काली रातें ..!
उनको समझ तभी थी आई हे .!!
उनको समझ तभी थी आई हे .!!
याद न
आये किसी को वो काली मंदिर .!
फिर से नीवं जहाँ किसी ने बनाई हे ....!!
फिर से नीवं जहाँ किसी ने बनाई हे ....!!
क्या
किया हे और नहीं किसी ने .!
उन्होंने बात अपनी ही बनाई हे .!!
उन्होंने बात अपनी ही बनाई हे .!!
!! जय समाज !!
लेखक /
रचनाकार : रामप्रसाद रैकवार …
दिनांक
: ३०.०३.२०१४ …
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